Saturday, January 7, 2017

गुण-कर्म विज्ञान - 7

गुण-कर्म विज्ञान-7
पदार्थ (matter)-
    इस संसार में पाँच भौतिक तत्व है- भूमि (Earth), जल (Water), अग्नि (Heat), वायु (Air) और आकाश (Space) | इन पाँच भौतिक तत्वों के आपसी संयोग से ही पदार्थ का निर्माण संभव होता है | सृष्टि के प्रारम्भ में केवल आकाश अर्थात अंतरिक्ष ही था | आकाश के बाद वायु का निर्माण हुआ, फिर अग्नि का, उसके बाद जल का और अंत में पृथ्वी अर्थात भूमि का | आकाश में किसी प्रकार का विकार नहीं है और उसके गुण एकदेशीय है अर्थात केवल आकाश के गुण ही है | उसके बाद वायु में स्वयं के गुण होने के साथ आकाश के भी गुण है | इसी प्रकार अग्नि में स्वयं के गुण के साथ-साथ वायु और आकाश के गुण भी हैं | जल में उसके स्वयं के गुणों के साथ-साथ अग्नि, वायु और आकाश के गुण भी हैं | भूमि में सभी पाँचों भौतिक तत्वों के गुण विद्यमान है | इस भूमि में ही सभी पदार्थों का निर्माण हुआ | इस स्तर तक हमारे शास्त्रों और आधुनिक विज्ञान में किसी भी प्रकार की भिन्नता नहीं है |
              पदार्थ (Matter) किसे कहते हैं ? संसार में जो भी वस्तुएं अथवा पिण्ड जो कि एक निश्चित स्थान (Space) घेरती हो और जिनका एक निश्चित द्रव्यमान अथवा परिमाण (Mass) हो, वे सभी पदार्थ कहलाती है | जितने भी चराचर इस संसार में हैं, वे सभी पदार्थ की श्रेणी में आते हैं | इस बात को यहाँ बतलाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि सभी प्रकार के पदार्थ में अपने निर्धारित गुण होते हैं और विभिन्न पदार्थों से बने भौतिक शरीर में भी उन सभी पदार्थों के गुणों का समावेश होता है | पदार्थ अपने गुणों के कारण आपस में संयोग करते हुए विभिन्न क्रियाएं करते हैं | जब वैसी ही क्रियाएं इस भौतिक शरीर के द्वारा अथवा इस भौतिक शरीर में होती हैं, तब वे कर्म कहलाती हैं | भौतिक पदार्थ अर्थात अचेतन के शरीर में और प्राणी अर्थात चेतन के भौतिक शरीर में होने वाली क्रियाएं मूल रूप से समान होती है, अंतर केवल इतना ही होता है कि चेतन के शरीर में होने वाली क्रियाएं मन/चित्त से प्रभावित हो सकती है, जब कि अचेतन में होने वाली क्रियाएं स्वतः स्फूर्त व सतत होती रहती है |
क्रमशः
प्रस्तुति-डॉ. प्रकाश काछवाल

|| हरिः शरणम् ||

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