गुण-कर्म विज्ञान –
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शरीर, जो कि विभिन्न प्रकार के पदार्थों से मिलकर
बना एक पदार्थ ही है, के प्राकृतिक गुणों (Natural characteristics) में दो प्रकार से परिवर्तन किया जा सकता है |
पहला परिवर्तन व्यक्ति के मन के अनुसार होता है, जो एक निश्चित प्रक्रिया के
अनुसार होता है और यह स्थाई (Permanent) प्रकार
का होता है तथा भाग्य का निर्माण करते हुए पुनर्जन्म का कारण बनता है | दूसरा
परिवर्तन चिकित्सा (Therapy) करने के
उद्देश्य से किया जा सकता है तथा यह स्थाई और अस्थाई (Temporary) दोनों प्रकार का हो सकता है | किसी भी प्रकार की
चिकित्सा में भौतिक गुणों में परिवर्तन तो शल्य चिकित्सा (Surgery) के माध्यम से किये जा सकते हैं, रासायनिक
परिवर्तन दवा (Medicines)
देकर किये जाते हैं
क्योंकि दवा के पदार्थ में रासायनिक गुण ही महत्वपूर्ण होते हैं | प्रत्येक
पदार्थ में भौतिक गुण और रासायनिक गुण के साथ-साथ विद्युतीय गुण भी होते हैं | विद्युत
(Electricity) के कारण चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic field) का निर्माण होता है | इस प्रकार प्रत्येक पदार्थ
का अपना एक चुम्बकीय क्षेत्र होता है जो किसी अन्य पदार्थ के चुम्बकीय क्षेत्र से
प्रभावित (Affected)
हो सकता है | किसी
भी रासायनिक और भौतिक क्रिया में परिवर्तन के लिए विद्युतीय शक्ति (Electrical power) की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है |
किसी एक पदार्थ का विद्युतीय क्षेत्र (Electrical field) किसी दूसरे पदार्थ के विद्युतीय क्षेत्र को
प्रभावित अवश्य ही करता है क्योंकि दोनों ही अपने-अपने चुम्बकीय क्षेत्र का
निर्माण करते हैं | इस प्रकार एक पदार्थ के चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic field) के प्रभाव से दूसरे पदार्थ का चुम्बकीय क्षेत्र
परिवर्तित हो जाता है | इस परिवर्तन से पदार्थ के विद्युतीय गुण के साथ-साथ भौतिक
और रासायनिक गुण भी बदल जाते हैं और उन गुणों से होनेवाले कर्मों के प्रकार भी | इस
सिद्धांत के आधार पर चिकित्सा विज्ञान में मानसिक रोगियों (Psychic) का इलाज सफलता पूर्वक किया जा रहा है | मनोरोगी
में मस्तिष्क का विद्युतीय गुण अव्यवस्थित हो जाता है जिसके कारण मस्तिष्क का
रासायनिक गुण प्रभावित हो जाता है | रासायनिक गुणों में परिवर्तन हो जाने के कारण
कई विषैले रसायन बन जाते हैं जो व्यक्ति की मनोदशा (Mood) और
व्यक्तित्व (Personality)
तक बदल डालते हैं |
ऐसी परिस्थिति में मनुष्य ऊलजलूल हरकतें करने लग जाता है और उसकी बौद्धिक क्षमता (Intelligence) पर
ग्रहण लग जाता है | ऐसे मानसिक रोगी को विद्युत-चिकित्सा देकर स्वस्थ किया जा सकता
है | इसी प्रकार कई शारीरिक भौतिक बीमारियों का उपचार चुम्बकीय-चिकित्सा (Magnetic therapy) विज्ञान से भी किया जा सकता है |
क्रमशः
प्रस्तुति- डॉ.
प्रकाश काछवाल
|| हरिः शरणम् ||