गुण-कर्म विज्ञान –
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मानव देह बड़ी ही जटिल (Delicate) व उच्च स्तर की देह है | इस शरीर में प्रकृति
ने ऐसी व्यवस्था की है कि सब कुछ इसमें व्यवस्थित तरीके (well-arranged manner) से और नियमानुसार (According to rules) ही घटित हो सकता है | कब किस रासायनिक तत्व (Chemical element) का स्तर रक्त (Blood level) में
बढ़ाना है अथवा कम कर देना है, सब कुछ एक नियम के अंतर्गत एवं पूर्व निश्चित होता
है | ऐसा किस प्रकार होना संभव है, विज्ञान के लिए अभी भी अबूझ पहेली बना हुआ है |
हम विज्ञान के जानकार यह तो जानते हैं कि पुरुष हार्मोंस (Male hormones) शरीर में कब बढ़ते हैं और फिर कब कम होना शुरू हो
जाते हैं, परन्तु यह नहीं जानते कि ऐसा क्यों होता है ? विज्ञान कहता है कि एक हार्मोन
दूसरे हार्मोन को प्रभावित करता है परन्तु फिर उस दूसरे हार्मोन को कौन नियंत्रित
करता है ? जब सभी हार्मोन्स का नियंत्रण मस्तिष्क में सहित पीयूष-ग्रंथि (Pituitary gland) के पास है,
तो फिर वही प्रश्न वापिस खड़ा हो जाता है कि पीयूष ग्रंथि का नियंत्रण किस के पास है
? अभी भी यह स्पष्ट नहीं है | विज्ञान कहता
है कि यह सभी ग्रंथियां एक दूसरे पर निर्भर हैं | एक का कार्य दूसरे की कार्य क्षमता
से सम्बंधित रहता है | इन सभी ग्रंथियों में मुख्य ग्रंथि पीयूष-ग्रंथि है, मान लेते
हैं परन्तु इसका भी तो कोई न कोई नियंता (Controller) होगा ही
? सनातन शास्त्रों में प्रत्येक ऐसी सभी समयबद्ध (Time bound) होने
वाली क्रियाओं के कारण स्पष्ट रूप से वर्णित किये गए हैं | हमारे ऋषियों ने गहन शोध
के उपरांत ऐसी सभी क्रियाओं को भी पूर्वजन्म के कर्मों के परिणाम से सम्बंधित होना
माना है |
केवल इतना ही नहीं हमारे शास्त्र तो इससे भी कहीं
बहुत आगे की बात भी कहते हैं | शास्त्र तो इन गुणों के एक व्यक्ति से दूसरे
व्यक्ति को स्थानांतरित करने की बात तक कहते हैं | वह तो हार्मोन्स को भी बिना
किसी दिखाई देने वाली प्रक्रिया के केवल विद्युत तरंगों के माध्यम से एक व्यक्ति से
दूसरे व्यक्ति को स्थानांतरित किये जाने तक की बात भी कहते हैं | श्री मद्भागवत महापुराण में ययाति-प्रसंग में इसी
प्रक्रिया को सांकेतिक रूप से बताया भी गया है | राजा ययाति को इसी विधि के द्वारा उसके पुत्र पुरु ने अपने पुरुष हार्मोन्स
स्थानांतरित कर दिए थे, जिससे ययाति तो पुनः युवा हो गये थे और पुरु ने उनके स्थान
पर स्वयं के लिए वृद्धावस्था को स्वीकार कर लिया था | बाद में ययाति ने ये हार्मोन
पुरु को वापिस लौटा भी दिए थे, जिनसे पुरु पुनः युवा हो गया था |
क्रमशः
प्रस्तुति - डॉ .प्रकाश
काछवाल
|| हरिः शरणम् ||
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