इस संसार में सबसे प्रत्येक वस्तु या व्यक्ति के पीछे तीन factors लागू होते हैं --
समय(Time),स्थान (Space),और कारण(Cause)
समय (Time)--Time is an interval between two experiences.आध्यात्मिकता की तरफ बढ़ने वाले व्यक्ति के पास समय का कभी भी अभाव नहीं होता है|क्योंकि उसकी हर वस्तु और स्थिति नियंत्रित और व्यवस्थित होती है |जो व्यक्ति आध्यात्मिकता से दूर होता है ,वह हर वक्त , समय न होने या समय की कमी होने का रोना ही रोता रहता है |एक समय ऐसा आता है जब मृत्यु भी दस्तक दे देती है परन्तु कुछ करने के लिए समयाभाव का रोना तब भी रहता है |
स्थान (Space)--आध्यात्मिक व्यक्ति के पास स्थान का कभी भी अभाव नहीं रहता है |उसका ह्रदय विशाल होता है जो प्रत्येक जीव को स्वतंत्रता देने की तरफ इशारा करता है |जबकि आध्यात्मिकता से दूर व्यक्ति के पास स्थानाभाव सदैव रहता है |वह अपने संपर्क में आये हुए व्यक्तियों की स्वतंत्रता में कदापि भी विश्वास नहीं करता है |
कारण(Cause) --आध्यात्मिकता की तरफ प्रगति करने वाले व्यक्ति को प्रत्येक के पीछे का कारण स्पष्ट होता है |उसे यह भी पता होता है की मानव योनि में उसके जन्म का कारण क्या है?जबकि साधारण व्यक्ति को अपने जन्म का कारण स्पष्ट नहीं होता है |वह मानव जन्म को मात्र खाना ,पीना,सोना ,अर्थार्जन और धन संग्रह के लिए ही समझता है |इस प्रकार वह मानव जन्म को यूँ ही गवां देता है |
|| हरिः शरणम् ||
समय(Time),स्थान (Space),और कारण(Cause)
समय (Time)--Time is an interval between two experiences.आध्यात्मिकता की तरफ बढ़ने वाले व्यक्ति के पास समय का कभी भी अभाव नहीं होता है|क्योंकि उसकी हर वस्तु और स्थिति नियंत्रित और व्यवस्थित होती है |जो व्यक्ति आध्यात्मिकता से दूर होता है ,वह हर वक्त , समय न होने या समय की कमी होने का रोना ही रोता रहता है |एक समय ऐसा आता है जब मृत्यु भी दस्तक दे देती है परन्तु कुछ करने के लिए समयाभाव का रोना तब भी रहता है |
स्थान (Space)--आध्यात्मिक व्यक्ति के पास स्थान का कभी भी अभाव नहीं रहता है |उसका ह्रदय विशाल होता है जो प्रत्येक जीव को स्वतंत्रता देने की तरफ इशारा करता है |जबकि आध्यात्मिकता से दूर व्यक्ति के पास स्थानाभाव सदैव रहता है |वह अपने संपर्क में आये हुए व्यक्तियों की स्वतंत्रता में कदापि भी विश्वास नहीं करता है |
कारण(Cause) --आध्यात्मिकता की तरफ प्रगति करने वाले व्यक्ति को प्रत्येक के पीछे का कारण स्पष्ट होता है |उसे यह भी पता होता है की मानव योनि में उसके जन्म का कारण क्या है?जबकि साधारण व्यक्ति को अपने जन्म का कारण स्पष्ट नहीं होता है |वह मानव जन्म को मात्र खाना ,पीना,सोना ,अर्थार्जन और धन संग्रह के लिए ही समझता है |इस प्रकार वह मानव जन्म को यूँ ही गवां देता है |
|| हरिः शरणम् ||
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