Wednesday, April 29, 2020

शरीर-6


शरीर-6 
      जो संबंध कुर्ता,  धागा और रूई का आपस में है, वैसा ही संबंध इन तीनों शरीर का आपस में है | क्या रूई के बिना धागा बन जायेगा ? क्या धागे के बिना कुर्ता बन सकेगा ? नहीं, नहीं बन सकता | इसी प्रकार कारण शरीर के बिना सूक्ष्म शरीर भी नहीं बनेगा और फिर आगे सूक्ष्म शरीर के बिना स्थूल शरीर भी नहीं बनेगा | कहा गया है - ’कारण शरीर प्रकृति सत्त्वरजसतमः’। प्रकृति के इन्हीं तीनों गुणों, सत्त्व, रजस और तमस से कुल अठारह पदार्थ बने | उन पदार्थों का मिलकर नाम है- सूक्ष्म शरीर |
         इन तीन गुणों से सूक्ष्म शरीर को बनाने वाले प्रकृति के 18 पदार्थ हैं- पाँच प्राण, पाँच सूक्ष्म महाभूत (तन्मात्रा), पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ, एक मन, एक बुद्धि और एक अहंकार | कई विद्वान पाँच प्राणों के स्थान पर पाँच कर्मेन्द्रियों को लेते हैं |
               सृष्टि के आरंभ में जब भगवान ने इस ब्रह्माण्ड की रचना की तो कारण शरीर प्रकृति से अठारह पदार्थ उत्पन्न किये। उनके नाम हैं- बुद्धि,  अहंकार,  मन,  पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ,  पाँच कर्मेन्द्रियाँ और  पाँच तन्मात्रा। इन सबका नाम सूक्ष्म शरीर है। ये सारे पदार्थ प्रकृति से ही बनते हैं | शब्द,  स्पर्श,  रूप,  रस,  गंध;  इन पाँच तन्मात्राओं से पाँच महाभूत बनते हैं | इन पाँच महाभूतों के नाम क्रमशः हैं- आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी | इन्हीं पाँच पदार्थों का समुदाय ये स्थूल शरीर है | जो आपको आँख से दिखता है,  वो है स्थूल रूप | इस प्रकार से इन तीनों शरीरों का आपस में एक निश्चित संबंध है |
      जब तक जीवात्मा (Soul) पुनर्जन्म (Rebirth) लेकर नया शरीर धारण करेगा अर्थात एक शरीर छोड़ दिया,  दूसरा शरीर धारण कर लिया,  तो पहले स्थूल शरीर का साथ छूट जायेगा | अतः स्थूल शरीर की मृत्यु होने पर यह एक स्थूल शरीर छूट जायेगा | शेष रहे सूक्ष्म शरीर और कारण शरीर | ये दोनों आत्मा के साथ जुड़े रहेंगे | पुनर्जन्म हुआ और फिर नया स्थूल शरीर मिल गया, फिर अगला शरीर, फिर एक और स्थूल शरीर | इस प्रकार शरीर पर शरीर मिलते रहते हैं | जब तक मुक्ति नहीं होगी, सूक्ष्म शरीर और कारण शरीर का साथ बना रहेगा केवल स्थूल शरीर बदलते रहेंगे | जब मुक्ति हो जायेगी तब तीनों शरीर ही एक साथ छूट जायेंगे | मेरे कहने का अर्थ है कि साधारण अवस्था में धागा (Thread) तो सदैव वही रहता है,  केवल कुर्ता (Cloth) बदलता रहता हैं | जब प्रलय होगी तब धागा रूई में समाहित हो जायेगा और जब पुनः सृष्टि का निर्माण होगा तो इसी रूई से धागा बनकर कुर्ता बन जायेगा | मोक्ष होने पर धागे का अस्तित्व तो समाप्त होगा ही, साथ ही रूई भी विलीन हो जाएगी |
क्रमशः
प्रस्तुति- डॉ. प्रकाश काछवाल
|| हरिः शरणम् ||

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