सनातन धर्म-हिंदी/अंग्रेजी भाषा-5
पंचम बिंदु-
Please don't refer to Ganesh and Hanuman as "Elephant god" and "Monkey god" respectively. You can simply write Shree Ganesh and Shree Hanuman.
भगवान को कोई क्या कहता है उससे क्या फर्क पड़ता है ? हमारी आस्था कहाँ पर स्थिर है, यह बात मुख्य है। जो यह नहीं जानते कि गणेश के हाथी का मुंह क्यों लगा, वे ही ऐसा कहते हैं।गणेश भगवान है चाहे उनका सिर हाथी का ही क्यों न हो। हम हाथी में भी भगवान देखते हैं और मनुष्य में भी। गणेश में दोनों उपस्थित है परंतु देखा जाए तो दोनों अलग अलग नहीं है। यही बात हम हनुमानजी के बारे में कह सकते हैं, वानर में भी तो वही ईश्वर विराजमान है, जो आप में और हम में है। क्षणिक हमें यह आभास हो सकता है कि गणेश को elephant god अथवा हनुमान को monkey goad क्यों कहा दिया ? अंग्रजी भाषा में प्रत्येक नाम को उसी रूप में लिखा जाता है, जैसा कि उसका उच्चारण किया जाता है जैसे कि मेरा नाम प्रकाश है तो यह Prakash ही लिखा जाएगा light नहीं।
अंग्रेजी का अधूरा ज्ञान रखने वाला ही गणेश को elephant god लिख सकता है अथवा वह लिखेगा जो हमारे धर्म को हीन समझकर उसका मजाक बनाना चाहता हो। हनुमान वानर थे, जो काम वानर कर सकता है, मनुष्य नहीं कर सकता। बंदर की छलांग देखी है न, वैसी छलांग लगाने वाला ही भारत भूमि से लंका जा सकता है। बच्चे की चंचलता देखकर हम उसे बंदर कह देते हैं, इससे वह बंदर नही हो जाता।
आज गणेशजी का हाथी का मुंह देखकर लोग हंस सकते हैं, परंतु शीघ्र ही विज्ञान head transplant करने में सफल होने जा रहा है,तब ऐसे लोगों को हमारी पुरातन शल्य चिकित्सा पद्धति का लोहा मानना होगा।अतः ऐसी बातों और इस प्रकार के अनुचित लेखन पर ध्यान न दें।साथ ही हम सभी सनातन धर्मावलंबियों का कर्तव्य बनता है कि कम से कम हम स्वयं तो अपने देवताओं का न तो उपहास करें और न ही किसी को करने दें।
क्रमशः
प्रस्तुति-डॉ. प्रकाश काछवाल
।।हरि:शरणम्।।
पंचम बिंदु-
Please don't refer to Ganesh and Hanuman as "Elephant god" and "Monkey god" respectively. You can simply write Shree Ganesh and Shree Hanuman.
भगवान को कोई क्या कहता है उससे क्या फर्क पड़ता है ? हमारी आस्था कहाँ पर स्थिर है, यह बात मुख्य है। जो यह नहीं जानते कि गणेश के हाथी का मुंह क्यों लगा, वे ही ऐसा कहते हैं।गणेश भगवान है चाहे उनका सिर हाथी का ही क्यों न हो। हम हाथी में भी भगवान देखते हैं और मनुष्य में भी। गणेश में दोनों उपस्थित है परंतु देखा जाए तो दोनों अलग अलग नहीं है। यही बात हम हनुमानजी के बारे में कह सकते हैं, वानर में भी तो वही ईश्वर विराजमान है, जो आप में और हम में है। क्षणिक हमें यह आभास हो सकता है कि गणेश को elephant god अथवा हनुमान को monkey goad क्यों कहा दिया ? अंग्रजी भाषा में प्रत्येक नाम को उसी रूप में लिखा जाता है, जैसा कि उसका उच्चारण किया जाता है जैसे कि मेरा नाम प्रकाश है तो यह Prakash ही लिखा जाएगा light नहीं।
अंग्रेजी का अधूरा ज्ञान रखने वाला ही गणेश को elephant god लिख सकता है अथवा वह लिखेगा जो हमारे धर्म को हीन समझकर उसका मजाक बनाना चाहता हो। हनुमान वानर थे, जो काम वानर कर सकता है, मनुष्य नहीं कर सकता। बंदर की छलांग देखी है न, वैसी छलांग लगाने वाला ही भारत भूमि से लंका जा सकता है। बच्चे की चंचलता देखकर हम उसे बंदर कह देते हैं, इससे वह बंदर नही हो जाता।
आज गणेशजी का हाथी का मुंह देखकर लोग हंस सकते हैं, परंतु शीघ्र ही विज्ञान head transplant करने में सफल होने जा रहा है,तब ऐसे लोगों को हमारी पुरातन शल्य चिकित्सा पद्धति का लोहा मानना होगा।अतः ऐसी बातों और इस प्रकार के अनुचित लेखन पर ध्यान न दें।साथ ही हम सभी सनातन धर्मावलंबियों का कर्तव्य बनता है कि कम से कम हम स्वयं तो अपने देवताओं का न तो उपहास करें और न ही किसी को करने दें।
क्रमशः
प्रस्तुति-डॉ. प्रकाश काछवाल
।।हरि:शरणम्।।
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