सनातन धर्म -हिंदी/अंग्रेजी भाषा -3
तीसरा बिंदु-
Please don't use the word "Mythology" for our historic epics (Ithihaas) Ramayana and Mahabharata. Rama and Krishna are historical heroes, not just mythical characters.
भगवान श्री राम के इस धरा पर अवतरण की कथा उनके समकालीन महर्षि वाल्मिकी ने रामायण में वर्णित की है।इसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण की जीवन गाथा उनके समकालीन वेद व्यासजी ने महाभारत नामक ग्रंथ में लिखी है। इस आधार पर हम इन ग्रंथों को ऐतिहासिक ग्रंथ तो कह सकते हैं परंतु काल्पनिक नहीं। अंग्रेजी में इन धर्मग्रंथों को mythology कहा जाता है अर्थात इनमें वर्णित कथाएं केवल मिथक है।मिथक कहने का अर्थ है कि इन कथाओं और पात्रों का वास्तविकता से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है। वास्तव में देखा जाए तो महाभारत काल और श्री कृष्ण के होने के प्रमाण तो पुरातत्व विभाग को मिल ही चुके हैं।अतः श्री कृष्ण को तो मिथक नहीं कहा जा सकता। भगवान श्री राम के द्वारा निर्मित सेतु, जो कि भारत की भूमि को श्री लंका से कभी जोड़ता था, NASA ने अंतरिक्ष से उसका अवलोकन कर सिद्ध किया है कि इस सेतु की रचना मनुष्यों द्वारा की गई है अर्थात यह सेतु मानव निर्मित है।इसी प्रकार वन प्रवास की अवधि में श्री राम ने जिस मार्ग से अयोध्या से श्रीलंका की यात्रा की थी, रास्ते में जहां जहां वे रुके थे, उनसे संबंधित वे सभी स्थान आज भी मौजूद है।
पश्चिमी विद्वानों ने इन सब पात्रों और उनके जीवन को मनुष्य के मन की कोरी कल्पना मात्र बताया है, जो कि सत्यता से परे है। हमें उनकी बातों पर रत्ती भर भी विश्वास नहीं करना चाहिए। हमें अपने रामायण, महाभारत आदि धर्मग्रंथों पर पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए ऐसी समस्त भ्रांतियों का विरोध करते हुए युवाओं का मार्गदर्शन करना चाहिए । आज सनातन धर्म का मखौल उड़ाना एक फ़ैशन बन गया है, जिसका मुख्य कारण हम स्वयं है, जो अपने धर्म के प्रति उदासीनता रखते हैं । सर्वप्रथम तो हमें हमारे ईश्वर पर श्रद्धा रखनी चाहिए और फैलाये जा रहे असत्य को नंगा कर सत्य को प्रचारित करने जा प्रयास करना चाहिए।
क्रमशः
प्रस्तुति-डॉ. प्रकाश काछवाल
।।हरि:शरणम्।।
तीसरा बिंदु-
Please don't use the word "Mythology" for our historic epics (Ithihaas) Ramayana and Mahabharata. Rama and Krishna are historical heroes, not just mythical characters.
भगवान श्री राम के इस धरा पर अवतरण की कथा उनके समकालीन महर्षि वाल्मिकी ने रामायण में वर्णित की है।इसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण की जीवन गाथा उनके समकालीन वेद व्यासजी ने महाभारत नामक ग्रंथ में लिखी है। इस आधार पर हम इन ग्रंथों को ऐतिहासिक ग्रंथ तो कह सकते हैं परंतु काल्पनिक नहीं। अंग्रेजी में इन धर्मग्रंथों को mythology कहा जाता है अर्थात इनमें वर्णित कथाएं केवल मिथक है।मिथक कहने का अर्थ है कि इन कथाओं और पात्रों का वास्तविकता से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है। वास्तव में देखा जाए तो महाभारत काल और श्री कृष्ण के होने के प्रमाण तो पुरातत्व विभाग को मिल ही चुके हैं।अतः श्री कृष्ण को तो मिथक नहीं कहा जा सकता। भगवान श्री राम के द्वारा निर्मित सेतु, जो कि भारत की भूमि को श्री लंका से कभी जोड़ता था, NASA ने अंतरिक्ष से उसका अवलोकन कर सिद्ध किया है कि इस सेतु की रचना मनुष्यों द्वारा की गई है अर्थात यह सेतु मानव निर्मित है।इसी प्रकार वन प्रवास की अवधि में श्री राम ने जिस मार्ग से अयोध्या से श्रीलंका की यात्रा की थी, रास्ते में जहां जहां वे रुके थे, उनसे संबंधित वे सभी स्थान आज भी मौजूद है।
पश्चिमी विद्वानों ने इन सब पात्रों और उनके जीवन को मनुष्य के मन की कोरी कल्पना मात्र बताया है, जो कि सत्यता से परे है। हमें उनकी बातों पर रत्ती भर भी विश्वास नहीं करना चाहिए। हमें अपने रामायण, महाभारत आदि धर्मग्रंथों पर पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखते हुए ऐसी समस्त भ्रांतियों का विरोध करते हुए युवाओं का मार्गदर्शन करना चाहिए । आज सनातन धर्म का मखौल उड़ाना एक फ़ैशन बन गया है, जिसका मुख्य कारण हम स्वयं है, जो अपने धर्म के प्रति उदासीनता रखते हैं । सर्वप्रथम तो हमें हमारे ईश्वर पर श्रद्धा रखनी चाहिए और फैलाये जा रहे असत्य को नंगा कर सत्य को प्रचारित करने जा प्रयास करना चाहिए।
क्रमशः
प्रस्तुति-डॉ. प्रकाश काछवाल
।।हरि:शरणम्।।
No comments:
Post a Comment