Sunday, November 25, 2018

सनातन धर्म - हिंदी/अंग्रेजी भाषा -1

सनातन दर्शन-हिंदी/अंग्रेजी भाषा -1
भाई अशोकजी ने कल एक अंग्रेज विद्वान का एक लेख भेजा है, जिसमें मुख्य रूप से यह बतलाया गया है कि सनातन धर्म के अंतर्गत उपयोग में लिए जाने वाले कुछ शब्दों का रूपांतरण जब अंग्रेजी भाषा में किया जाता है तो उनका अर्थ हिंदी शब्दों के अनुकूल नहीं होता है। जिसके कारण कई बार बड़ी विसंगतियां उत्पन्न हो जाती है। अशोकजी ने मेरे से आग्रह किया है कि मैं उस लेख में वर्णित तथ्यों को स्पष्ट करते हुए आपके समक्ष रखूं।वास्तव में देखा जाए तो उस लेख में वर्णित बिंदुओं का आध्यामिकता से सीधा संबंध नहीं है फिर भी यह एक वास्तविकता है कि पर्याप्त जानकारी के अभाव में हम अपने धर्म और संस्कृति को सही रूप से नहीं समझ पा रहे हैं।इसके कारण हमारा व्यवहार भी संस्कृति के विपरीत होता प्रतीत होता है। इस लेख में दस बिंदु है, जिनको एक एक कर स्पष्ट करने का प्रयास कर रहा हूँ।
प्रथम बिंदु -
Please stop using the term "God fearing" - Hindus never ever fear God. For us, God is everywhere and we are also part of God. God is not a separate entity to fear.
It is integral.
अंग्रेजी में कहते हैं, 'god fearing' और हिंदी में इसे कहते हैं,'ईश्वर से डरो'।हम कई कार्य भगवान के डर से करते हैं जबकि भगवान से डरने की कोई बात नहीं है।ईश्वर से डरना ही नहीं बल्कि किसी से भी भयग्रस्त होना हमारी दार्शनिकता में कभी भी नहीं रहा है।आध्यात्मिकता का अर्थ है, स्वयं को जानना। स्वयं को जानने का अर्थ है, परमात्मा को जान लेना।हमारे और परमात्मा में कोई अंतर नहीं है।परमात्मा से हम अभिन्न हैं ऐसे में स्वयं से वही डर सकता है जिसको स्वयं कौन है, इस बात का ज्ञान नहीं है। परमात्मा को जानने अर्थात आत्म-ज्ञान के मार्ग पर चलने वाला कभी भी भयग्रस्त नहीं हो सकता।भयमुक्त रहकर मुक्त व्यवहार करना ही  हमारी जीवन शैली में सदैव से है क्योंकि हम परमात्मा के होने में विश्वास करते हैं । परमात्मा से डरना अर्थात उसमें विश्वास न करना अतः 'परमात्मा से डरो' कहने का अर्थ है जैसे ईश्वर हमें दंडित करेगा। ईश्वर दंड नहीं देते, दंड देते हैं हमारे बुरे कर्म। अगर डरना ही है,तो फिर ईश्वर से नहीं कर्मों से डरो।बुरे कर्म नहीं करोगे तो भय भी नहीं रहेगा।परमात्मा ने तो एक व्यवस्था प्रकृति के माध्यम से हमें दे दी है।उस प्रकृति के कई नियम है। उन नियमों का उल्लंघन करना ही हमें दंडित करता है।नियम का पालन करने वाला कभी भी दंडित नहीं हो सकता। परमात्मा में विश्वास करने वाला कभी भी प्रकृति के नियमों का उल्लंघन नहीं करता ।यही कारण है कि वह अपने जीवन में कभी भी भय से पीड़ित नहीं होता। अतः कहा जा सकता है कि god fearing अथवा परमात्मा से डरो कहना उपयुक्त नहीं है।
क्रमशः
प्रस्तुति - डॉ. प्रकाश काछवाल
।।हरि:शरणम्।।

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