Thursday, October 31, 2013

मुक्ति का वैज्ञानिक आधार |-९

क्रमश:९
            जितने भी Synapses हैं वे सभी स्मृति निर्माण (Memory formation)में भूमिका निभाते है |सभी Nerves ये स्मृतियाँ संकेत (Signal)के रूप में Hippocampus तक पहुंचाती है | Hippocampus मानव मस्तिष्क (Brain) में स्थित LImbic system का एक हिस्सा है ||इस सिस्टम में मन,चित्त और अहंकार समाहित है |इसी लिए यह सिस्टम भावनाओं ,आक्रामकता के साथ साथ सभी ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों(Senses of knowlrdge and act) को भी नियंत्रित करता है |इस प्रकार हम कह सकते हैं कि यह सिस्टम शरीर द्वारा किये जा रहे  लगभग सभी कर्मों(Acts) और उनके अंकन(Storage of data) के लिए उत्तरदायी होता है | Limbic system के कई भाग होते है परन्तु प्रमुख भूमिका दो भागों की होती है Hypothalamusऔर  Hippocampus| Hypothalamusके बारे में पहले ही हम आवश्यक जानकारी ले चुके है |अब हम Hippocampus के बारे में विषय से सम्बंधित आवश्यक जानकारी प्राप्त करेंगें |

HIPPOCAMPUS---

         Hippocampus मस्तिष्क का स्मृति बनाने और उनको सुरक्षित रखने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है |इसकी आकृति घोड़े की नाल(Horse shoe shaped) के आकार की होती है|यह मस्तिष्क के दोनों अर्द्ध-गोलार्द्धों Cerebral Hemispheres) में स्थित होता है |यह कपाल(Skull) में कनपट्टी (Temporal part)के पास मस्तिष्क में स्थित होता है |यह लिम्बिक सिस्टम(Limbic system) का एक हिस्सा है |इसके प्रमुख कार्य है -
1.Consolidation of new memories.(नई स्मृतियों का निर्माण )
2.Emotional Responses.(भावनात्मक क्रियाएँ)
3.Navigation.(दिशाओं का ज्ञान)
4.Spatial orientation.(स्थान का ज्ञान)
           Hippocampus तंतुओं के द्वारा Hypothalamusसे जुदा होता है और Hypothalamusमस्तिष्क के मुख्य भाग  Neocortex(Cerebral cortex)से|इन तीनों के समन्वय से समस्त शरीर की सारी क्रियाएँ नियंत्रित होती है|मस्तिष्क के शेष हिस्से भी इन तीनों के कारण ही संचालित होते हैं ,केवल स्वतन्त्र तंत्रिका तंत्र (Autonomic nervous system)पर किसी का भी नियंत्रण नहीं होता है |
               इतना समझ लेने के बाद  मस्तिष्क के सभी हिस्सों के आपस में तालमेल और क्रियाओं को समझना आसान होगा ,जिससे पुनर्जन्म और उससे मुक्ति का विज्ञानं समझ में आ जायेगा |





                                                                                                                                                                    क्रमश:
                          || हरिः शरणम् ||   







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