Saturday, October 26, 2013

मुक्ति का वैज्ञानिक आधार |-४


क्रमश:४
केन्द्रीय तंत्रिका-तंत्र -
                             केन्द्रीय  तंत्रिका-तत्र (C.N.S.)एक जटिल तंत्र है|इसको साधारण व्यक्ति के लिए समझना बड़ा ही दुष्कर है |मस्तिष्क के अतिरिक्त सुषुम्ना नाडी इसके प्रमुख हिस्से हैं |मस्तिष्क को पुनः मुख्य रूप से दो भागों में बनता जा सकता है-Prosenchalon और Brain stem(Mesencephalon और Rhombencephalon)|नीचे दी गयी टेबिल से केन्द्रीय तंत्रिका-तंत्र के मुख्य वर्गीकरण को आसानी से समझा जा सकता है
               
Central
nervous
system
BrainProsencephalonTelencephalon
Diencephalon
Brain stemMesencephalon
RhombencephalonMetencephalon
MyelencephalonMedulla oblongata
Spinal cord

                    Prosencephalon(अग्र मस्तिष्क) को फिर से दो भागों में बांटा जा सकता है-Telencephalonऔर Diencephalon|
                               Brain stem(मस्तिष्क स्तंभ)के दो भाग होते हैं- Mesencephalon (मध्य मस्तिष्क )और Rhobencephalon (पश्च मस्तिष्क)|
                                इसी प्रकार प्रत्येक भाग के अलग अलग प्रकार के छोटे छोटे भाग और होते हैं |सभी भागों का अपना अपना कार्य होता है और सभी एक दूसरे से समन्वय रखते हुए कार्य करते हैं |पुनर्जन्म और उससे मुक्ति को जानने के लिए मानव मस्तिष्क के केवल उन भागों की ही विवेचना करेंगे जो "पुनर्जन्म और उससे मुक्ति" विषय से सम्बंधित है|अन्यथा मस्तिष्क का समग्र अध्ययन  एक जटिलता ही पैदा करेगा |
                               मानव मस्तिष्क में केवल अग्र मस्तिष्क ही अपनी मुख्य भूमिका निभाता है |शेष सभी स्तनपायी जीवों की तुलना में मानव का अग्र मस्तिष्क ही ज्यादा विकसित होता है |  दूसरी विभिन्नता यह है की शरीर की तुलना में मानव मस्तिष्क का वजन अन्य जीवों के शरीर की तुलना में कही ज्यादा होता है,जो किइसके अधिक विकसित होने का प्रमाण है |उदाहरणार्थ सबसे वजनी मस्तिष्क हाथी का होता है परन्तु शारीरिक भार के अनुपात में वह मानव मस्तिष्क की तुलना में कम वजनी होता है |मानव मस्तिष्क की तरह ही शेष सभी जीवों में मस्तिष्क और उसके सभी भाग समान होते है परन्तु उनके विकसित होने का ही अंतर होता है |अग्र मस्तिष्क ही मानव मस्तिष्क का सबसे अधिक विकसित हिस्सा है जो उसे अन्य जीवों से अलग करता है |

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