Saturday, April 12, 2014

प्रार्थना की शक्ति |

                       परिस्थितियां हमारे जीवन को इतना दुखी बना देती हैं कि हम अपने को एकदम असहाय और निरुपाय पाते हैं। ऐसी स्थिति में यह सोचना चाहिए कि हम अपने जीवन के निर्माण के लिए स्वतंत्र, समर्थ और अपने भाग्य के विधाता हैं, क्योंकि परमपुरुष परमात्मा सदैव हमारे साथ हैं और हमारे लिए सच्चे, मार्ग-दर्शक और कल्याणकारी हैं।
                       परमात्मा अंतर्मन में साहस का संचार करते हैं और साहस हमें सच की राह पर चलना और झूठ का तिरस्कार करना सिखाता है। हममें से तमाम लोग जानते हुए भी गलत को गलत कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। बात दिल को जंचती नहीं, फिर भी न जाने किस मजबूरी में दूसरों की हां में हां मिलाते रहते हैं और अपने मन को मारते रहते हैं। प्रार्थना में बहुत शक्ति है। वह हमें अंधकार से प्रकाश की ओर व असफलता से सफलता की ओर अग्रसर करती है। हम जैसे ही परमात्मा की ओर उन्मुख होते हैं, उनकी प्रार्थना करते हैं और उनसे किसी भी प्रकार की सहायता की याचना करते हैं, वैसे ही उनकी सहायता के अदृश्य हाथ हमारी ओर बढ़े चले आते हैं।
                     हमें उनकी कृपा प्राप्त होने लगती है। हमारे भीतर से निराशा का भाव जाने लगता है। हम प्रसन्न रहने लगते हैं। फिर हमारा मन सुकार्य में लगने लगता है। ऐसे में परमात्मा भी हमारी सहायता के लिए किसी न किसी के हृदय में प्रेरणा उत्पन्न कर देते हैं। फिर हमारे समक्ष उत्पन्न परिस्थितियों में नया मोड़ आ जाता है। हमारी हारी हुई बाजी भी जीत में बदल जाती है। असफलता तो हमारे निकट फटकती भी नहीं। जैसा हमारा विश्वास होता है, हमें वैसा ही फल भी प्राप्त होता है। हमारी जैसी आकांक्षाएं होती हैं वे वैसी ही फलीभूत होती हैं।
                 सुविचार और कल्याण की भावना से किए गए कार्य का परिणाम बेहद सुंदर होता है। इसके लिए केवल आपके विचारों में दृढ़ता होनी चाहिए। जरूरत इस बात की भी है कि आपकी हर क्रिया सुविचारित और कल्याणकारी हो। वह आपके और आपके परिवार के साथ ही समाज के लिए भी कल्याणकारी हो। प्रभु से प्रार्थना के क्षणों में जब हमारा मन एकाग्र होता है और हम अपनी समस्याएं उनके समक्ष रखकर उनसे कुछ याचना करते हैं तो हमें तुरंत समाधान मिल जाता है। इसीलिए कहा भी जाता है कि सच्चे हृदय से की गई प्रार्थना तुरंत सुनी जाती है।
                                    || हरिः शरणम् ||

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