हम कौन हैं? हमारा परम धर्म क्या है ?
हम सब परमात्मा की एक अभिव्यक्ति हैं जो कुछ समयके लिए यह देह बन गए हैं | इस देह से हमारा सम्बन्ध नश्वर है | यह देह एक साधन मात्र है |
सम्पूर्ण सृष्टि में जो भी सृष्ट है व उससे परे जो भी है वह सब हम स्वयं ही हैं |
जिसे हम ढूँढ रहे हैं वह भी हम स्वयं ही हैं |
हम यह देह नहीं बल्कि सम्पूर्ण चैतन्य हैं, सम्पूर्ण ब्रह्मांड हैं |
अपने आत्म-तत्व में स्थित होना ही हमारा परम धर्म है |
प्रस्तुति-डॉ. प्रकाश काछवाल
||हरिः शरणम् ||
हम कौन हैं? हमारा परम धर्म क्या है ?
हम सब परमात्मा की एक अभिव्यक्ति हैं जो कुछ समयके लिए यह देह बन गए हैं | इस देह से हमारा सम्बन्ध नश्वर है | यह देह एक साधन मात्र है |
सम्पूर्ण सृष्टि में जो भी सृष्ट है व उससे परे जो भी है वह सब हम स्वयं ही हैं |
जिसे हम ढूँढ रहे हैं वह भी हम स्वयं ही हैं |
हम यह देह नहीं बल्कि सम्पूर्ण चैतन्य हैं, सम्पूर्ण ब्रह्मांड हैं |
अपने आत्म-तत्व में स्थित होना ही हमारा परम धर्म है |
प्रस्तुति-डॉ. प्रकाश काछवाल
||हरिः शरणम् ||
No comments:
Post a Comment