Wednesday, November 13, 2013

सुख और दुःख |

                     
                                                  'दुःख' का सबसे बड़ा कारण 'सुख' की इच्छा रखना है| अगर हम किसी व्यक्ति से सुख की कामना न करे तो हमें दुःख होने का प्रश्न ही नहीं है| यह इस संसार का नियम है कि जिस किसी से भी हम सुख पाने की आकांक्षा रखते हैं,सबसे ज्यादा दुःख हमें उसी से ही मिलता है| इसलिए 'दुःख' किसी से न मिले ,ऐसी अगर इच्छा हो तो फिर किसी से सुख प्राप्त होने की कामना न करे |
                                              " महाभारत "में कुंती ने प्रभु से सुख प्राप्त करने की कामना की बजाय दुःख देने की प्रार्थना की थी| जिससे वह हमेशा ईश्वर को अपने पास महसूस करती रहे और सुख प्राप्त न हो पाने की स्थिति में दुखी भी न हो |
                                        || हरिः शरणम् ||

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